प्रश्न 1. वन-जीवों के ह्रास के चार प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-वन-जीवों के ह्रास के मुख्य कारक निम्नलिखित हैं- भोजन, सुरक्षा एवं आनन्द के लिए वन्य जीवों का शिकार वनीय जीवों के विनाश का एक बड़ा कारण है। वन जीवों के विनष्ट पशुचारण के कारण वन्य प्राणी लुप्त हो गए। यातायात की सुविधाओं के कारण वन्य जीवों के प्राकृतिक आवासों का अतिक्रमण हुआ, प्रदूषित जनित समस्या आदि ।
प्रश्न 2. वन एवं वन्य जीवों के महत्व को लिखें। [2018C ]
उत्तर-वन एवं वन्य जीव मानव जीवन के प्रमुख हमसफर हैं। वन पृथ्वी के लिए सुरक्षा कवच है। वन उस बड़े भू-भाग को कहते हैं जो पेड़-पौधे तथा झाड़ियों द्वारा आच्छादित होते हैं। वन जैव विविधताओं का आवास होता है। यह केवल एक
संसाधन ही नहीं बल्कि पारिस्थितिक तंत्र के निर्माण में महत्त्वपूर्ण घटक है। हमारा इनसे अटूट सम्बन्ध है। वन प्रकृति का एक अमूल्य धरोहर है। वन एवं वन्य प्राणी मानव के लिए प्रतिस्थापित होने वाला संसाधन है। यह इस जीव-मंडल में सभी जीवों की संतुलित स्थिति में जीने के लिए पारिस्थितिक तंत्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान
देता है क्योंकि सभी जीवों के लिए खाद्य ऊर्जा का प्रारंभिक स्रोत वनस्पति होता है। भारत में वन संसाधन एक महत्त्वपूर्ण संसाधन है। वर्तमान समय के विकास की दौड में हम ने अपने अतीत के सभी गौरवशाली परम्पराओं को नकार दिया है। वन एवं
वन्य प्राणी के महत्त्व को नहीं समझ रहे हैं और तेजी से इस संसाधन का विदोहन कर रहे हैं। वस्तुतः हमें वन और वन्य जीव संसाधनों को संरक्षण देना चाहिए।
प्रश्न 3. वन के पर्यावरणीय महत्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर-वन पृथ्वी का सुरक्षा कवच है । यह न केवल संसाधन होता है बल्कि पारिस्थैतिक तंत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण घटक है। वन मृदा कटाव को रोकने के
साथ ही पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को घटाते हुए जीवनदायी ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। यह भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के साथ ही वर्षा की उपलब्धता में वृद्धि करता है।
प्रश्न 4. चिपको आन्दोलन क्या है?
उत्तर- उत्तराखण्ड के लोगों ने गढ़वाल के पहाड़ी क्षेत्रों में 1870 के दशक में जंगलों की व्यवसायी कटाई के विरुद्ध एक आंदोलन चलाया, जो चिपको आंदोलन के नाम से प्रसिद्ध हुआ। ग्रामीण लोग पेड़ों को कटने से बचाने के लिए उनके साथ
चिपक जाते थे। इस आंदोलन का नेतृत्व चण्डी प्रसाद भट्ट और कई महिलाओं एवं बच्चों ने मिलकर किया। इस आंदोलन का प्रभाव भारत के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ा। जिसके कारण 15 वर्षों तक हिमालय क्षेत्रों में वनों की कटाई रोक दी।
प्रश्न 5. बिहार में वन विनाश के दो मुख्य कारकों को लिखें।
उत्तर वनों के विनाश का एक सबसे बड़ा कारण कृषिगत भूमि का फैलाव है। बडी विकास योजनाओं, तेजी से खनन कार्य के कारण भी वनों का क्षारण होता रहा है एवं मानवीय हस्तक्षेप, पालतू पशुओं के द्वारा अनियंत्रित चारण एवं रेल-सड़क मार्ग और ईंधन की लकड़ियों, औद्योगिक विकास एवं नगरीकरण भी वन विनाश
का मुख्य कारण है
प्रश्न 6. बिहार में वन सम्पदा की वर्तमान स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर-बिहार विभाजन के बाद वन विस्तार में बिहार राज्य दयनीय स्थिति में आ गया है। यहाँ मात्र 6764.14 हेक्टेयर में वन क्षेत्र है। यह भौगोलिक क्षेत्र का मात्र 7.1% है। बिहार के 38 जिलों में से 17 जिलों से वन क्षेत्र समाप्त हो गया है। प० चम्पारण, मुंगेर, बाँका, जमुई, नवादा, गया, रोहतास, कैमूर एवं औरंगाबाद जिले में वनों की स्थिति अच्छी है
प्रश्न 7. भारत के तीन राष्ट्रीय उद्यानों के नाम लिखें।
उत्तर भारत के तीन राष्ट्रीय उद्यान हैं- (i) जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखण्ड) (ii) शिवपुरी (मध्य प्रदेश) (iii) नन्दन कानन (उड़ीसा)।
प्रश्न 8. इन-सीटू प्रयास क्या है ?
उत्तर-वन्य जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में संरक्षित करने का प्रयास ‘इन सीटू’ प्रयास कहलाता है।
प्रश्न 9. भारत के दो प्रमुख जैव मंडल क्षेत्र का नाम क्षेत्रफल एवं प्रांतों का नाम बताएँ।
उत्तर-नन्दा देवी-2,236.74 (कुल भौगोलिक क्षेत्र) वर्ग किलोमीटर है। चमौली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिलों का भाग (उत्तराखंड) में है।
सुन्दर वन-9,630 (कुल भौगोलिक क्षेत्र) वर्ग किलोमीटर है। गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र के डेल्टा और इसका भाग (पश्चिम बंगाल) में है।
प्रश्न 10. वन्य-जीवों के ह्रास में प्रदूषण जनित समस्या पर अपना विचार स्पष्ट करें।
उत्तर-प्रदूषण जनित समस्या बढ़ते प्रदूषणों के कारण कई समस्याओं को जन्म दिया उनमें वन्य जीवों की संख्या में कमी के प्रमुख कारक पराबैंगनी किरणें, अम्ल वर्षा और हरित गृह प्रवाह है। इसके अलावे वायु-जल एवं मृदा प्रदूषण के कारण वन्य-जीव का जीवन-चक्र गंभीर रूप से ग्रसित हो रही है।
प्रश्न 11. वन और वन्य जीवों के संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-वन्य जीव की संख्या और वन्य के शीघ्र पतन के कारण संरक्षण आवश्यक हो गया है। संरक्षण पारिस्थितिक विभिन्नता और जीवन-यापन तंत्र
को सुरक्षित रखता है। यह पौधों और जानवरों की प्रजनन विभिन्नता को सुरक्षित रखता है।
हमारे बहुत-से प्राचीन रीति-रिवाज भी वन और वन्य जीव संरक्षण में लाभदायक हुए हैं। उदाहरण के लिए बरगद, पीपल, तुलसी और नीम की पूजा आज भी हमारे देश में विभिन्न अवसरों पर की जाती है। अनेक समुदायों में इनकी कटाई
तथा प्रयोग वर्जित है। इसी प्रकार मोर, नीलकंठ, तोते और नील गाय जैसे संरक्षित किए जाते हैं।
प्रश्न 12. तीन वन्य जीव अभ्यारण्य के नाम लिखें
उत्तर-(i) काजीरंगा (आसाम), (ii) चंदका (उड़ीसा) और (iii) बांदीपुर (कर्नाटक)।
प्रश्न 13. वन विस्तार की दृष्टि से विश्व का प्रथम देश कौन है ?
उत्तर- रूस में 809 करोड़ हेक्टेटर वन क्षेत्र है जो विश्व में वन विस्तार की दृष्टि से प्रथम है।
प्रश्न 14. गर्म और शुष्क मरुस्थल के जानवरों के नाम बताएँ।
उत्तर-ऊँट, जंगली गधा गुजरात के सौराष्ट्र के गिर वनों में पाये जाते हैं।
प्रश्न 15. दस लुप्त होने वाले पशु-पक्षियों का नाम लिखिए।
उत्तर–चीता, गिद्ध, गेंडा, गिर सिंह, मगर हसावर, बराहसिंगा, भेड़िया, सारंग और लाल पण्डा आदि ।
प्रश्न 16. जैव भंडार क्या है?
उत्तर-जैव भंडार में विस्तृत जंगल होता है जिसमें पौधे तथा जानवर अपने प्राकृतिक वातावरण में सुरक्षित रहते हैं।
प्रश्न 17, राष्ट्रीय उद्यान क्या है ? दो उदाहरण दें।
उत्तर- प्राकृतिक वनस्पति, प्राकृतिक सुन्दरता तथा वन्य जीवन को सुरक्षित रखनेवाले स्थान को राष्ट्रीय उद्यान कहते हैं। उदाहरण-कार्बेट तथा काजीरंगा ।
प्रश्न 18, जैव आरक्षित क्षेत्र क्या है ? दक्षिण और उत्तर के एक-एक आरक्षित क्षेत्र का नाम बताएँ।
उत्तर-जैव आरक्षित क्षेत्र हमारी जैव विभिन्नता को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए हैं। जैव आरक्षित क्षेत्र के उत्तर में फूलों की घाटी (उत्तरांचल) तथा
दक्षिण में नीलगिरि है।
प्रश्न 19: संकटग्रस्त एवं विलुप्त प्रजातियों में क्या अंतर है ? स्पष्ट करें।
उत्तर प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण नष्ट होते जा रहे जीवों को संकटग्रस्त जीव का जाता है, जैसे-सिंह, चीता, काला हिरण, मगरमच्छ इत्यादि।
दूसरी ओर, रहने के स्थानों में खोज करने पर अनुपस्थित पाए जानेवाले जीवों की प्रजातियों को विलुप्त प्रजाति के जीव कहते हैं। जैसे-एशियाई चीता, गुलाबी सिरवाली बत्तख आदि।
प्रश्न 20, वनों के संरक्षण पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-देश में वन संसाधनों पर जनसंख्या का भारी दवाब है। बढ़ती जनसंख्या के लिये, कृषि के लिये भूमि की आवश्यकता होती है। जानवरों के लिये
चरागाह की आवश्यकता होती है। उद्योगों की आपूर्ति के लिये वनों का तेजी से शोषण हो रहा है। इसलिये यह आवश्यक है कि वनों के संरक्षण के लिये भिन्न विधियाँ अपनाई जाएँ। वनारोपण तथा पुनर्वनारोपण कई क्षेत्रों में विकसित किया जा
रहा है। घासभूमियाँ पुनः बनाई जा रही हैं। तेजी से उगनेवाले पौधे लगाये जा रहे हैं। वनों के अन्तर्गत क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है
प्रश्न 21, भारत के प्राणी जगत और वनस्पति जगत पर निबन्ध लिखें।
उत्तर-यदि हम अपने चारों ओर देखें तो कुछ जानवर, पेड़-पौधे तथा अन्य प्रजातियाँ पायेंगे जो कि हमारे क्षेत्र में अद्वितीय हैं। वास्तव में भारत विश्व का एक ऐसा देश है जहाँ जैव विभिन्नताएँ धनी हैं और विश्व की 8% (अनुमानतः 1.6 मिलियन) प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह संख्या दुगुनी और तिगुनी भी हो सकती है यदि इनकी खोज की जाए। हमने भारत के वन और वन्य जीवन के प्रचार के बारे में अध्ययन कर लिया है। हमने यह स्वीकार किया होगा कि इन संसाधनों का कितना महत्व है । ये वनस्पति और प्राणी जगत हमारे जीवन में इतने अधिक अन्तर सम्बन्धित हैं कि हम इन पर निर्भर करते हैं, लेकिन ये भारी दबाव के अन्तर्गत हैं।
प्रश्न 22. वनस्पति जगत और प्राणी जगत में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर- वनस्पति जगत
(i) वनस्पति जगत में पौधे तथा वृक्ष सम्मिलित हैं।
(ii) वनस्पति अस्तित्व में सबसे पहले आई
(i) प्राणी जगत में पृथ्वी के समस्त सम्मिलित हैं। जानवर तथा जीव-जंतु सम्मिलित हैं।
(iii) वनस्पति ही केवल सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को भोजन में बदल सकती है।
प्राणी जगत
(i) प्राणी जगत मे पृथ्वी के समस्त जानवर तथा जीव जतु सम्मिलित है
(ii) वनस्पति जगत के बाद प्राणि जगत अस्तित्व मे आया
(iii) प्राणी जगत सूर्य से प्राप्त उर्जा को प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त नही कर सकता । वे वनस्पति जगत पर निर्भर करते है
प्रश्न 23. जैव-आरक्षित क्षेत्र क्या है? कहाँ और कब प्रथम आरक्षित क्षेत्र स्थापित किया गया ? कोई दो नाम बताएँ।
उत्तर-जैव-आरक्षित क्षेत्र भूमि का विशाल क्षेत्र है जो प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीव प्रजातियों के संरक्षण के लिए उपयोग में आता है। पहला जैव-आरक्षित क्षेत्र वर्ष 1986 में नीलगिरि जैव आरक्षित क्षेत्र स्थापित किया गया। यह 5500 वर्ग किमी क्षेत्र को घेरे हुए हैं। यह तीन राज्यों केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में फैला हुआ है
दो जैव आरक्षित क्षेत्र हैं–(i) नंदा देवी जैव आरक्षित क्षेत्र (उत्तराखण्ड) तथा (ii) नोक्रेक (मेघालय) ।
प्रश्न 24. प्रोजेक्ट टाइगर (बाघ परियोजना) के बारे में लिखें।
उत्तर प्रोजेक्ट टाइगर बाघ संरक्षण की दिशा में भारत में चलाई जा रही परियोजना है जिसे विश्व की बेहतरीन वन्य जीव परियेजनाओं में गिना जाता है। 1973 से शुरू हुई इस परियोजना के द्वारा देश में बाघों की संख्या बढ़ने लगी। 1973 में बाघों की संख्या मात्र 1,827 थी जो 1989 तक बढ़कर 4,334 हो गई। भारत में 37,761 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर फैले हुए 27 बाघ रिजर्व हैं। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य एक संकटग्रस्त जाति के जीव को बचाने के प्रयास के साथ-साथ बहुत बड़े आकार की जैवजाति को बचाना भी है। अब इस परियोजना के द्वारा लोगों में बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष बाघों की घटती-बढ़ती संख्या से लोगों को अवगत कराया जाने लगा है।
प्रश्न 25. भारत की राष्ट्रीय वन-नीति के मुख्य उद्देश्यों का वर्णन करें।
उत्तर भारत की राष्ट्रीय वन-नीति के अनुसार, देश के 33% भू-भाग पर वन का विस्तार होना चाहिए।
वन-नीति के मुख्य उद्देश्य हैं।
(1) पर्यावरण को संतुलित बनाना।
(ii) वन संपदा की सुरक्षा करना।
(iii) भूमि ह्रास को रोकना।
(iv) बाढ़ का नियंत्रण करना।
(v) मरुस्थलीकरण को रोकना।
(vi) लकड़ी आपूर्ति बनाए रखना।
(vii) जैव विविधता को बनाए रखना।
प्रश्न 26. भारत में बाघ परियोजना क्षेत्रों का वर्णन करें।
उत्तर – – बाघ एक दुर्लभ प्रजाति है। बाघ परियोजना को बड़ी सफलता मिली है। वर्तमान समय में 16 बाघ परियोजनाएँ चल रही हैं
कुछ महत्वपूर्ण बाघ परियोजनाएँ निम्नलिखित हैं-
(i) हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान (बिहार)
(ii) कान्हा राष्ट्रीय पार्क (मध्य प्रदेश)
(iii) तादोवा राष्ट्रीय उद्यान (महाराष्ट्र)
(iv) कार्बेट पार्क राष्ट्रीय उद्यान (उत्तरांचल)
(v) संजय राष्ट्रीय उद्यान (मध्य प्रदेश)
(vi) सरिस्का (राजस्थान)
प्रश्न 27. वन्य जीव संरक्षण के लिये कुछ उपाय लिखें।
उत्तर-वन्य जीव संरक्षण के लिए उपाय निम्नलिखित हैं-
(i) शिकार पर प्रतिबन्ध आवश्यक है।
(ii) पशुओं के झुंड के प्रवेश पर रोक ।
(iii) अधिक राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभ्यारण्य स्थापित किए जाएँ।
(iv) वन्य जीव बंदी प्रजनन किया जाए ।
(v) सेमिनार, कार्यशाला आदि का आयोजन किया जाए।
(vi) पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएँ दी जाएँ।
(vi) प्रजनन के लिए उचित दशाएँ प्रदान की जाएँ।
प्रश्न 28. वन हास के परिणामों का उल्लेख करें।
उत्तर औद्योगिक क्रांति के बाद से बड़े पैमाने पर वनों का ह्रास हो रहा है।
इससे उत्पन्न दुष्परिणाम निम्न हैं.
(i) कई जीव-जंतुओं की प्रजातियों का ह्रास।
(ii) वन उत्पादों की कमी।
(iii) चारा एवं लकड़ी की कमी।
(iv) पारिस्थिति की संकट।
(v) कई वनस्पतियों का विलुप्तीकरण।
(vi) सूखा एवं सुर्भिक्ष में बढ़ोतरी।
(vii) कई जीव-जंतुओं केआवसों में कमी।
(viii) कई जड़ी-बूटियों का खात्मा।
प्रश्न 29.संरक्षण की दृष्टि से भारतीय बनों के विभिन्न वनों के विभिन्न वर्गों का वितरण करें
उत्तर-संरक्षण की दृष्टि से भारतीय वनों को तीन प्रमुख वर्गों में बाँटा गया है.
(i) सुरक्षित वन ऐसे वन सरकारी वन है जहाँ पशुचारण करना एवं खेती करना या लकड़ी काटना वर्जित होता है। देश में इस प्रकार के वन मध्य प्रदेश,जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु एवं पश्चिम बंगाल में पाए जाते हैं। देश के आधे से अधिक वन इस वर्ग में आते हैं।
(ii) संरक्षित वन संरक्षित वन एसे सरकारी वन है जहाँ से सिफ्र लाइसेंस-प्राप्त व्यक्ति ही वन उत्पाद को प्राप्त कर सकता है। ऐसे वन बिहार, झारखण्ड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, गुजरात एवं पूर्वोत्तर राज्यों तथा अंडमान-निकोबार में है।
(iii) अवर्गीकृत वन इस प्रकार के वनों में किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होता है। उपयोग करनेवाले को टैक्स देना पड़ता है।
प्रश्न 30. भारत में वन्य प्राणी का वर्णन करें।
उत्तर भारत वनस्पति जगत की तरह प्राणी जगत में भी धनी है। भारतीय वन विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणियों जो हाथी से लेकर छोटे पक्षियों तक का घर है। भारत में 8000 पशुओं की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। देश में 1200 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। 2500 प्रजातियाँ मछलियों की पाई जाती हैं जो विश्व का 12% है। यहाँ विश्व के 5 से 8% सप्र, स्तनधारी तथा जल एवं स्थलवासी प्राणी मिलते हैं हाथी मुख्यतः आसाम, कर्नाटक और केरल में पाये जाते हैं। एक सींग वाला गैण्डा भी आसाम और पश्चिमी बंगाल में पाया जाता है। थार मरुस्थल जंगली गधों और ऊँट का आवास है। शेर तथा बब्बर शेर भी भारत में पाये जाते हैं। भारतीय शेर गुजरात के गिर वनों में पाया जाता है। शेर मध्य प्रदेश, पश्चिमी बंगाल में सुन्दर वन में पाया जाता है। हिमालय में पक्षी की श्रृंखला पाई जाती है। लद्दाख याक का आवास है।
प्रश्न 31. वन विनाश के मुख्य कारकों को लिखें।
उत्तर वनों के विनाश का एक सबसे बड़ा कारण कृषिगत भूमि का फैलाव है। बडी विकास योजनाओं, तेजी से खनन कार्य के कारण भी वनों का क्षारण होता रहा है एवं मानवीय हस्तक्षेप, पालतू पशुओं के द्वारा अनियंत्रित चारण एवं रेल-सड़क मार्ग और ईंधन की लकड़ियों, औद्योगिक विकास एवं नगरीकरण भी वन विनाश
का मुख्य कारण है