प्रश्न 1. छापाखाना यूरोप में कैसे पहुँचा ?
उत्तर छापाखाना के आविष्कार का महत्त्व इस भौतिक संसार में आग, पहिया और लिपि की तरह है जिसने अपनी उपस्थिति से पूरे विश्व की जीवनशैली को एक नया आयाम प्रदान किया। मुद्रणकला के आविष्कार और विकास का श्रेय चीन को जाता है । यद्यपि मूवेबल टाइपों द्वारा मुद्रणकला का आविष्कार तो पूरब में ही हुआ, परन्तु इस कला का विकास यूरोप में अधिक हुआ। इसका प्रमुख कारण था कि चीनी, जापानी और कोरियन भाषा में 40 हजार से अधिक वर्णाक्षर थे । फलतः सभी वर्णों का ब्लॉक बनाकर उपयोग करना कठिन कार्य था । लकड़ी के ब्लॉक द्वारा होनेवाले मुद्रण का समरकन्द-पर्शिया-सीरिया मार्ग से (रेशममार्ग) व्यापारियों द्वारा यूरोप, सर्वप्रथम रोम में प्रविष्टि हुई। 13वीं सदी के अंतिम में रोमन मिशनरी एवं मार्कोपोलो द्वारा ब्लॉक प्रिंटिग के नमूने यूरोप पहुँचे ।
प्रश्न 2. पाण्डुलिपि क्या है ? इसकी क्या उपयोगिता है ?
उत्तर—भारत में छापाखाना के विकास के पहले हाथ से लिखकर पाण्डुलिपियों को तैयार करने की पुरानी एवं समृद्ध परम्परा थी। वैसी हस्तलिखित साहित्य सामग्री जो पुस्तक में छपकर लोगों के बीच न आई हो, पाण्डुलिपि कहलाती है। भारत में संस्कृति, अरबी एवं फारसी साहित्य की अनेकानेक तस्वीरयुक्त सुलेखन कला से परिपूर्ण साहित्यों की रचनाएँ होती रहती थीं। इन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए सजिल्द भी किया जाता था। फिर भी पाण्डुलिपियाँ काफी नाजुक और महँगी होती थी। पाण्डुलिपियों की लिखावट कठिन होने एवं प्रचुरता से उपलब्ध नहीं होने के कारण ये आम जनता की पहुँच के बाहर थीं।
प्रश्न 3. भारतीय प्रेस के विकास में ईसाई धर्म प्रचारकों के योगदान का मूल्यांकन करें। [2018C]
उत्तर—भारत में मुद्रण का आरंभ गोवा में 16वीं शताब्दी में जेसुइट धर्मप्रचारकों द्वारा किया गया। 19वीं शताब्दी तक भारतीय प्रेस ने गति पकड़ ली। प्रेस ज्वलंत राजनीतिक एवं सामाजिक प्रश्नों को उठानेवाला तथा औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध सशक्त जनमानस तैयार करनेवाला प्रभावशाली माध्यम बन गया।
प्रश्न 4. गुटेनबर्ग ने मुद्रण यंत्र का विकास कैसे किया ?
उत्तर-गुटेनबर्ग का जन्म जर्मनी के मेन्जनगर में कृषक-जमींदार-परिवार में जन्म हुआ था। गुटेनबर्ग ने अपने ज्ञान एवं अनुभव से टुकड़ों में बिखरी मुद्रण कला के ऐतिहासिक शोध को संघटित एवं एकत्रित किया तथा टाइपों के लिए पंच, मेट्रिक्स मोल्ड आदि बनाने पर योजनाबद्ध तरीके से कार्यारंभ किया। मुद्रा बनाने हेतु उसने सीसा, टिन (राँगा) और बिस्मथ धातुओं से उचित मिश्रधातु बनाने का तरीका ढूँढ़ निकाला । गुटेनबर्ग ने आवश्यकता के अनुसार मुद्रण स्याही भी बनायी तथा हैण्डप्रेस का प्रथम बार मुद्रण-कार्य सम्पन्न करने में प्रयोग किया। इस प्रकार एक सुस्पष्ट, सस्ता एवं शीघ्र कार्य करनेवाला गुटेनबर्ग का ऐतिहासिक मुद्रण शोध 1440 ईमें शुरू हुआ ।
प्रश्न 5. लॉर्ड लिटन ने राष्ट्रीय आंदोलन को गतिमान बनाया। कैसे? [2017A, TBQ]
उत्तर-देशी भाषा समाचार-पत्र अधिनियम वर्नाक्यूलर प्रेस ऐक्ट 1878 ई. में लॉर्ड लिटन के द्वारा लाया गया । देशी समाचार-पत्रों ने खुलकर साम्राज्यवादी नीतियों के विरुद्ध राष्ट्रवादी भावना को उत्पन्न किया। इसी को ध्यान में रखते हुए 1878 ईमें लिटन ने देशी भाषा समाचार-पत्र अधिनियम के माध्यम से समाचार-पत्रों पर अधिक प्रतिबंध तथा इसे अपने नियंत्रण में लाने का प्रयास किया । यह अधिनियम देशी भाषा समाचार-पत्रों के लिए मुँह बन्द करने वाला एवं भेदभावपूर्ण साबित हुआ । लिटन नहीं चाहता था कि सरकार की नीतियों के खिलाफ देशी समाचार-पत्र जनता के बीच असंतोष को उत्पन्न करें । लेकिन, अकाल और सरकारी अपव्यय की खबरों ने जनता के बीच भारी असंतोष को जन्म दिया । लॉर्ड लिटन के वर्नाक्यूलर प्रेस ऐक्ट ने राष्ट्रीयता की भावना एवं जन-असंतोष में तो उबाल लाने का कार्य किया ही, साथ-ही-साथ राष्ट्रीय आंदोलन को भी गतिमान बनाया ।
प्रश्न 6. स्वतंत्र भारत में प्रेस की भूमिका पर प्रकाश डालें।
उत्तर- स्वतंत्र भारत में प्रेस की प्रभावशाली भूमिका रही है। यह राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के विकास में प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है। यह अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक, क्षेत्रीय घटनाओं, सरकारी नीतियों, खेल-कूद, मनोरंजन की सूचना देनेवाला प्रमुख माध्यम है। यह सरकार पर प्रभावशाली नियंत्रण रखता है तथा लोकतंत्र के ‘चौथे स्तम्भ’ के रूप में कार्य करता है।
प्रश्न 7. इक्वीजीशन से आप क्या समझते हैं ? इसकी जरूरत क्यों पड़ी ?
छापाखाना के आविष्कार से बौद्धिक माहौल का निर्माण हुआ एवं धर्म सुधार आन्दोलन के नए विचारों का फैलाव बड़ी तेजी से आम लोगों तक हुआ । अब अपेक्षाकृत कम पढ़े-लिखे लोग धर्म की अलग-अलग व्याख्याओं से परिचित हुए । कृषक से लेकर बुद्धिजीवी तक बाइबिल की नई-नई व्याख्या करने लगे। ईश्वर एवं सृष्टि के बारे में रोमन कैथोलिक चर्च की मान्यताओं के विपरीत विचार आने से कैथोलिक चर्च क्रुद्ध हो गया और तथाकथित धर्म-विरोधी विचारों को दबाने के लिए इक्वीजीशन शुरू किया जिसके माध्यम से विरोधी विचारधारा के प्रकाशकों और पुस्तक-विक्रेताओं पर प्रतिबंध लगाया गया ।
प्रश्न 8. वार्नाक्यूलर प्रेस ऐक्ट किसे कहते हैं ?
उत्तर-1878 ई. में लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्यूलर प्रेस ऐक्ट पारित किया था। उसने 1878 के देशी भाषा समाचार-पत्र अधिनियम के माध्यम से समाचार-पत्रों को अधिक नियंत्रण में लाने का प्रयास किया ।
प्रश्न 9. मार्टिन लूथर के बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर—मार्टिन लूथर एक धर्मसुधारक था जिसने रोमन कैथोलिक चर्च की कुरीतियों की आलोचना करते हुए अपनी पंचानवे (95) स्थापनाएँ लिखीं। इसकी एक प्रति विटेनबवर्ग गिरिजाघर के दरवाजे पर टाँग दी गई। लूथर ने चर्च को इसके माध्यम से शास्त्रार्थ के लिए चुनौती भी दी। लूथर के लेख आमलोगों (स्वतंत्र विचारों के पोषक) में काफी लोकप्रिय हुई।
प्रश्न 10. मराठा समाचार-पत्र की शुरुआत कैसे हुई ?
उत्तर- बाल गंगाधर तिलक के संपादन में 1881 ई० में बंबई से अंग्रेजी भाषा में ‘मराठा’ नामक समाचार-पत्र की शुरुआत हुई। यह पत्र उग्र राष्ट्रवादी विचारों से प्रभावित था तथा इसका जनमानस पर व्यापक प्रभाव था।
प्रश्न 11. छापाखाना क्या है?
उत्तर- छापाखाना के आविष्कार का महत्त्व इस भौतिक संसार में आग, पहिया और लिपि की तरह है जिसने अपनी उपस्थिति से पूरे विश्व की जीवनशैली को एक नया आयाम
प्रदान किया। छापाखाना के आविष्कार और विकास का श्रेय चीन को है।
प्रश्न 12. बाइबिल के बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर—बाइबिल इसाइयों का पवित्र धर्मग्रंथ है। सर्वप्रथम बाइबिल छापने का ठेका गुटेनबर्ग को फस्ट नामक साहूकार से प्राप्त हुआ था । ऐसा माना जाता है कि पुराने पट लाइन एवं उठ लाइन बाइबिल गुटेनबर्ग द्वारा छापी गई हालांकि इनपर प्रकाशन की कोई तारीख अंकित नहीं है।
प्रश्न 13. यंग इंडिया के बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर—यंग इंडिया नामक पत्र का संपादन महात्मा गाँधी के द्वारा उनके विचारों एवं राष्ट्रवादी आन्दोलन का प्रचार करने के लिए किया गया था। इस पत्र के माध्यम से गाँधीजी ने सरकार को अपने राजनीतिक दर्शन एवं राजनीतिक कार्यक्रमों से अवगत कराया तथा भारत के अवाम को एक बड़े आंदोलन के लिए प्रशिक्षित किया ।
प्रश्न 14. प्रोटेस्टेंटवाद क्या है ?
उत्तर-धर्म सुधार आंदोलन के समय चर्च के दो गुट हो गए थे-पहला रोमन कैथोलिक चर्च तथा दूसरा प्रोटेस्टेंट । प्रोटेस्टेंटवाद यह मानता था कि चर्च के रोमन कैथोलिक समुदाय में बुराई तथा भ्रष्टाचार सर्वव्याप्त है तथा उनके चरित्र पर भी प्रश्नचिन्ह उठाया जिसके कारण ही प्रोटेस्टेंट धर्मसुधार आन्दोलन की शुरुआत हुई।
प्रश्न 15. गुटेनबर्ग क्या है ?
उत्तर–जर्मनी के मेन्जनगर में गुटेनवर्ग ने कृषक-जमींदार-व्यापारी परिवार में जन्म लिया था । गुटेनबर्ग ने अपने ज्ञान एवं अनुभव से टुकड़ों में बिखरी मुद्रणकला के ऐतिहासिक शोध को संघटित एवं एकत्रित किया तथा टाइपों के लिए पंच, मेट्रिक्स, मोल्ड आदि बनाने पर योजनाबद्ध तरीके से कार्यारंभ किया। गुटेनबर्ग ने
आवश्यकता के अनुसार मुद्रण स्याही भी बनायी तथा हैण्डप्रेस का प्रथम बार मुद्रणकार्य सम्पन्न करने में प्रयोग किया ।