प्रश्न 1. झारखंड के मुख्य लौह उत्पादक जिलों/केन्द्रों के नाम लिखिए। [2019A]
उत्तर-सिंहभूम जिले के नोआमुंडी, गुवा क्षेत्रों इसके अलावे पलामू, हजारीबाग, संथाल परगना, धनबाद एवं राँची जिलों में मिलता है।
प्रश्न 2. खनिजों के संरक्षण एवं प्रबंधन से क्या समझते हैं ? [2018A, 20154,]
उत्तर-(i) नई शोधों के द्वारा दुर्लभ खनिजों के स्थान पर प्रतिस्थापन खनिज की खोजने और विकसित करने की आवश्यकता है।
(ii) खनिज क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं को समुचित विकास किया जाए। देश के नए क्षेत्रों में नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग कर खनिजों का अन्वेषण किया जाना चाहिए । संरक्षण नीति में पोषणीय खनन पर अत्यधिक बल दिया जाना
चाहिए।
(iii) ऐसी प्रौद्योगिकी एवं शोघ को विकसित किया जाए की खनिजों का अपव्यय को रोका जाए।
प्रश्न 3. खनिजों का आर्थिक महत्व बतायें। [2017A]
उत्तर—पृथ्वी पर जैसे जल और थल अति महत्वपूर्ण खजाने हैं ठीक उतने ही महत्वपूर्ण खनिज संसाधन भी हैं। खनिज संसाधन के अभाव में देश के औद्योगिक विकास को गति एवं दिशा नहीं दे सकते । फलतः देश का आर्थिक विकास अवरूद्ध हो सकता है। विश्व के बहुत से देशों में खनिज सम्पदा राष्ट्रीय आय के प्रमुख स्रोत बने हुए हैं। खनिज ऐसे क्षयशील संसाधन है जिन्हें दोबारा नवीनीकृत नहीं किया जा सकता। अतः खनिजों के संरक्षण की परम आवश्यकता है।
प्रश्न 4. पेट्रोलियम से किन-किन वस्तुओं का निर्माण होता है ? [M. Q., Set-IV: 2015]
उत्तर—पेट्रोलियम ताप प्रकाश के लिए ईंधन, मशीनों का स्नेहक, अनेक विनिर्माण उद्योगों को कच्चा माल प्रदन करता है तेलशोधनशालाएँ-संश्लेषित वस्त्र, उर्वरक तथा असंख्य रसायन उद्योगों में एक कोणीय बिन्दु का काम करता है। इसकी उपयोग संश्लेषित वस्त्र, उर्वरक तथा रसायन उद्योगों में होता है।
प्रश्न 5. अभ्रक कहाँ मिलता है? इसका क्या उपयोग है ? [M.Q., Set-IV : 2015]
उत्तर बिहार और झारखण्ड में उत्तम कोटि का रूवी अभ्रक का उत्पादन होता है। यह पश्चिम गया जिले से हजारीबाग, मुंगेर होते हुए पूर्व में भागलपुर तक
फैला है। इसके अतिरिक्त धनबाद, पलामू, राँची एवं सिंहभूम जिलों में भी अभ्रक भण्डार मिले हैं। बिहार झारखण्ड भारत का 80% अभ्रक का उत्पादन करता है। इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में होता है। प्राचीन काल से इसका उपयोग
आयुर्वेदिक दवाओं के लिए होता है। इसका उपयोग विद्युत उपकरण बनाने में होता है। यह विद्युत रोधक एवं विद्यत शक्ति को सहन कर सकता है।
प्रश्न 6. भारत के लौह इस्पात उद्योग का वर्णन करें।
उत्तर लौह एवं इस्पात उद्योग एक आधारभूत उद्योग है। इस उद्योग की बनी मशीनरी पर हल्के, मध्यम और भारी उद्योग निर्भर करते हैं। आज देश का कोई भी घर ऐसा नहीं है जहाँ लोहे की बनी चीजें न हो। इसकी स्थापना कच्चामाल वाले क्षेत्र में किया जाता है। छोटानागपुर का पठार लौह तथा कोयले के भण्डारों के लिए विख्यात है जो लौह इस्पात उद्योग चलाने के लिए आवश्यक है। इसके प्रमुख कच्चामाल लौह अयस्क, कोयला, मैंगनीज, चूना-पत्थर इत्यादि हैं।
प्रश्न 7. लौह अयस्क के प्रकारों के नामों को लिखिए। [2012]
उत्तर-लौह अयस्क चार प्रकार के होते हैं-
(i) हेमेटाइट इसमें लोहे की मात्रा 50-70% पाए जाते है।
(ii) मैग्नेटाइट इसमें लोहे की मात्रा 72% पाए जाते हैं।
(iii) लिमोटाइट इसमें 10 से 40% लोहे की मात्रा होती है।
(iv) सिडेराइट इसमें लोहे की मात्रा 48% होती है।
प्रश्न 8. मैंगनीज के उपयोग पर प्रकाश डालिए। [2012A]
उत्तर मैंगनीज का उपयोग मुख्य रूप से लौह-इस्पात उद्योग के अलावे शुष्क बैटरीयों के निर्माण, फोटोग्राफी, चमड़ा, ब्लीचिंग पाउडर, कांच, दवाएँ बिजली के समान में किया जाता है।
प्रश्न 9. लौह एवं अलौह खनिजों में अंतर स्पष्ट करें? [2011]
उत्तर-
लौह खनिज
(i) जिन खनिजों में लोहे का अंश जिन खनिजों में लोहे का अंश पाया जाता है तथा उसका उपयोग
न्यून या बिल्कुल नहीं होता है वे लोहा एवं अन्य इस्पात बनाने में अलौह खनिज कहलाते हैं, जैसे-
किया जाता है वे लौह खनिज सोना, सीसा, अभ्रक इत्यादि । कहलाते हैं; जैसे-लौह अयस्क,
निकिल, टंगस्टन, मैंगनीज आदि ।
(ii) ये स्लेटी, घसर, मटमैला आदि रंग के होते हैं।
(iii) ये रवेदार चट्टानों में पाये जाते हैं।
अलौह खनिज
(i) जिन खनिजो मे लोहे का अंश न्यून या बिल्कुल नही होता है वे अलौह खनिज कहलाते है जैसे — सोना , सीसा, अभ्रक इत्यादि
(ii) ये अनेक रंग के होते है
(iii) ये सभी प्रकार के चट्टानो मे मिल सकते है
प्रश्न 10, खनिज क्या है? [TBQ ]
उत्तर खनिज के प्राकृतिक संसाधन हैं जो शैलों से प्राप्त हैं। दूसरे शब्दों में खनिज पदार्थ की परिभाषा इस प्रकार कर सकते हैं-खनिज पदार्थ भू-पप्रटी से प्राप्त ऐसे पदार्थ है जिनमें एक प्रकार की रासायनिक संरचना होता है
प्रश्न 11. धात्विक खनिज के दो प्रमुख पहचान क्या है ?
उत्तर-धात्विक खनिज के दो प्रमुख पहचान इस प्रकार हैं-
(i) धात्विक खनिज को गलाने पर धातु प्राप्त होता है।
( 2) ये कठोर एवं चमकीले होते हैं
प्रश्न 12. खनिजों की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर देश में खनिजों के वितरण असमान है। खनिज समाप्त संसाधन है। अधिक गुणवत्ता वाले खनिज कम तथा कम गुणवत्ता वाले खनिज अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। खनिज एक बार उपयोग करने के बाद पुन: उपयोग नहीं किया जा
सकता है।
प्रश्न 13. अल्युमिनियम के उपयोग का उल्लेख कीजिए।
उत्तर इसका उपयोग वायुयान निर्माण, विद्युत उपकरण, बर्तन, घरेलू सामान, रासायनिक वस्तुएँ आदि ।
प्रश्न 14. लोहे के प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर_कर्नाटक, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखण्ड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, राजस्थान आदि ।
प्रश्न 15. अकार्बनिक खनिज किसे कहते हैं ?
उत्तर अकार्बनिक खनिज उसे कहा जाता है जिसमें जीवाश्म नहीं होता है जैसे-अभ्रक, ग्रेफाइट आदि ।
प्रश्न 16. चूना-पत्थर की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर चूना-पत्थर के उपयोग सीमेंट, लौह-इस्पात, रसायन का उपयोग, चीनी, कागज, उर्वरक आदि में उपयोग होता है।
प्रश्न 17. कार्बनिक खनिज किसे कहते हैं?
उत्तर इस प्रकार के खनिज में जीवाश्म होता है। ये पृथ्वी में दबे प्राणी एवं पादप जीवों के परिवर्तित होने से बनते हैं जैसे-कोयला, पेट्रोलियम ।
प्रश्न 18. अभ्रक का उपयोग क्या है ?
उत्तर इसका उपयोग बिजली की मोटर, डायनेमो, हवाई जहाज, धमन भट्टी लालटेन की चिमनी, सजावट के समान रोगन, चिकनाई के तेल, काँच की तरह प्रयोग में आने वाले पारदर्शक चादरें आदि
प्रश्न 19. ताँबे का क्या उपयोग है ? भारत में ताँबा कहाँ पाया जाता है?
उत्तर ताँबा का उपयोग बिजली के तार बनाने में होता है इसके अलावे बर्तन आदि बनाने में इसका उपयोग होता है। भारत में 90% भंडार मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश में मिलता है।
प्रश्न 20. धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर — जिन खनिजों में धातु प्रमुखता से पाए जाते है, उन्हें धात्विक खनिज कहा जाता है। यह दो प्रकार का होता है।
(क) लोहयुक्त ऐसे खनिजों में लोहे का अंश होता है, जैसे लौह-अयस्क, मैंगनीज, निकेल इत्यादि।
(ख) अलौहयुक्त—ऐसे खनिजों में लोहे का अंश काफी कम होता है, जैसे टिन, सोना, चाँदी इत्यादि। जिन खनिजों में धातु नहीं मिलते हैं, उन्हें अधात्विक खनिज कहा जाता है, जैसे अभ्रक, कोयला आदि।
प्रश्न 21. खनिज की परिभाषा दें तथा इसका वर्गीकरण प्रस्तुत करें।
उत्तर खनिज प्रकृति में स्वतः पाया जानेवाला अकार्बनिक पदार्थ है जिसकी भौतिक एवं रासायनिक संरचना निश्चित होती है। इसका आंतरिक परमाण्विक संगठन भी निश्चित होता है।
खनिज मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं
(i) धात्विक खनिज मैगनीज, ताँबा, कोबाल्ट
(ii) अधात्विक खनिज_कोयला, हीरा, अभ्रक
(iii) बहुमूल्य खनिज सोना, प्लैटिनम, हीरा
(iv) रेडियोसक्रिय खनिज यूरेनियम, थोरियम, जिरकोनियम।
प्रश्न 22. खनन कार्य से होनेवाले दुष्प्रभावों की चर्चा करें।
उत्तर खनन जैसे उत्पादक कार्य से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, परंतु इस कार्य के कई दुष्प्रभाव भी हैं—
(1) खनन कार्य के कारण संबंधित क्षेत्र की कृषि तथा वन भूमि का ह्रास हो जाता है।
(2) खनिजों के खनन से उनके खत्म होने की आशंका बढ़ जाती है।
(3) खनन कार्य के दौरान कई बार दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
(iv) यूरेनियम के खनन से रेडॉन नामक जहरीली गैस निकलती है।
(v) खदानों में धूल उड़ने पर सिलकोसिस नामक दमघोंटू बीमारी हो जाती है।
(vi) खनन कार्य से वायु एवं जल प्रदूषण होता है।
(vii) कई कोयला खानों में आग लगने से भी पर्यावरणीय दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं।